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दुनिया भर को शांति और अहिंसा का संदेश देनेवाला हमारा देश भारत अब खतरनाक देशों की श्रेणी में शुमार होता जा रहा है । आज तक हमारे देश को शांति और एकता की मिशाल के रूप में जाना जाता था, लेकिन हमारा ये भ्रम अब टूट गया है क्योंकि बम ब्लास्ट से मारे जाने का खतरा अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देशों की तुलना में भारत में कहीं ज्यादा ज्यादा हो गया है। नैशनल बम डेटा सेंटर(NBDC) के आंकड़ों के मुताबिक बम ब्लास्ट के मामले में भारत विश्व में तीसरा सबसे खतरनाक देश बन चुका है।इस मामले में सिर्फ इराक और पाकिस्तान ही भारत से खतरनाक देशों की श्रेणी में उपर हैं।
एनबीडीसी के सबसे ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 यानी पिछले साल भारत में 212 बम धमाके हुए, जो अफगानिस्तान में इसी दौरान हुए 108 बम ब्लास्ट की तुलना में लगभग दोगुने हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, ये चौंकाने वाले आंकड़े सरकार के `नेशनल बॉम्ब डाटा सेंटर` ने जारी किए हैं। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि विश्व में होने वाले लगभग 75 फीसदी बम ब्लास्ट पाकिस्तान, भारत और इराक में होते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस मामले में अफगानिस्तान और सीरिया भारत से बेहतर स्थिति में हैं। भारत में अफगानिस्तान और सीरिया से ज्यादा बम धमाके होते हैं।
राष्ट्रीय डाटा सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 में भारत में 212 बम धमाके हुए जबकि इस दौरान अफगानिस्तान में 108 बम ब्लास्ट हुए और बांग्लादेश में 75 एवं सीरिया में सिर्फ 36 बम धमाके हुए। भारत में 2013 में 2012 के मुकाबले कम बम धमाके हुए। 2012 में 241 बम ब्लास्ट हुए थे। लेकिन 2013 में 2012 के मुकाबले ज्यादा लोग मारे गए। 2013 में हुए बम धमाकों में 130 लोग मारे गए और 466 घायल हुए। 2012 में हुए बम धमाकों में 103 लोग मारे गए जबकि 419 लोग घायल हुए। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दुनिया भर में होने वाले 75 फीसदी बम ब्लास्ट इराक, पाकिस्तान और भारत में होते हैं। हालांकि भारत ने आम जनता पर हमलों को निशाना बनाने के मामले में बाकी दुनिया से ज्यादा अच्छा काम किया है.
भारत के अलावा पूरी दुनिया में 69 प्रतिशत हमले सीधे जनता को निशाना बनाकर किये गए जबकि भारत में सिर्फ 58 प्रतिशत ही ऐसे हमलों को अंजाम दिया गया। बाकी बम विस्फोटों में सुरक्षाबलों और सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।
अगर हम आँकड़ों की बात न भी करे तब भी ये बात तो सभी जान ही चुके है कि अब हमारे देश में सुरक्षा की व्यवस्था सिर्फ नाम मात्र की रह गयी है। ताजुब्ब तो इस बात पर है कि हमने अफगानिस्तान और सीरिया को भी पीछे छोड़ दिया और जल्द ही नंबर वन पर भी काबिज हो सकते हैं।
प्रतिमा गुप्ता
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